फुटबॉल में 'दे दना दन' गोल करने की ट्रेनिंग देगा जर्मनी, खिलाड़ी जानेंगे मैच पलटने के तरीके!

 


फुटबॉल में 'दे दना दन' गोल करने की ट्रेनिंग देगा जर्मनी, खिलाड़ी जानेंगे मैच पलटने के तरीके!



अपना वक्त भी आएगा, 'फुटबॉल' को लेकर यह बात बिल्कुल सही है। वह दिन दूर नहीं, जब हमारे प्लेयर्स की चमक दुनिया देखेगी। 'दे दना दन' गोल कैसे किए जाते हैं और कैसे एक गोलची दूसरी टीम के गोल को बेकार कर कैसे मैच का रुख पलट सकता है, ये सब सिखाने के लिए अब जर्मन ट्रेनर भारत आएंगे।


 

गुरुवार को अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंच रही जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग करने के लिए जिन समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे, उनमें भारतीय टीम को 'दे दना दन' गोल करने और सामने वाली टीम के गोल कैसे रोके जाते हैं, यह तरकीब सिखाना भी शामिल है। मतलब, जर्मनी के फुटबॉल ट्रेनर हमारे देश के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देंगे।



फीफा की नई रैंकिंग में 104वां स्थान


बता दें कि भारतीय फुटबॉल टीम को फीफा की नवीनतम रैंकिंग में 104वां स्थान मिला है। इससे पहले 2009 के दौरान इसी रैंकिंग में भारत का नंबर 134वां था। फिलहाल भारतीय टीम 2022 के विश्व कप मैच में भाग लेने के लिए क्वालिफाइंग राउंड में मशक्कत कर रही है। भारत को दूसरे दौर के विश्व कप क्वालीफायर के ग्रुप ई में ओमान, कतर, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ रखा गया है। कतर ने 62वें स्थान पर अपनी रैंकिंग बनाई है, जबकि ओमान 84वें स्थान पर पहुंच गया।

बेल्जियम शीर्ष स्थान पर पहुंचने में कामयाब रहा, जबकि दूसरे स्थान पर पहुंचने के लिए फ्रांस ने ब्राजील को पीछे छोड़ दिया है। फीफा 2022 विश्व कप के लिए क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में, भारत का 14 नवंबर को अफगानिस्तान के खिलाफ मैच होगा।

जर्मनी में योग सिखाएंगे भारतीय शिक्षक


दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिला एंजेला मार्केल की तीन दिवसीय भारत यात्रा शुरू होने से पहले भारत में जर्मनी के राजदूत वॉल्टर जे लिंडनर ने बताया कि पीएम मोदी और चांसलर एंजेला मार्केल के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए समझौते होंगे। इनमें फुटबॉल भी एक है। जर्मनी के चुनिंदा फुटबॉल ट्रेनर और गोल कीपर भारतीय खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देंगे। उन्हें फुटबॉल की तकनीकी बारीकियों से अवगत कराया जाएगा। इसके साथ ही जर्मनी के लोगों को भारतीय शिक्षक योग सिखाएंगे। भारतीय योग शैली जर्मनी में खास तौर पर लोकप्रिय है। वहां भारतीय आयुर्वेद के प्रति भी लोगों का विशेष आकर्षण है। इस पर भी कई समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे।

ट्रांसपोर्ट के नए साधनों पर चर्चा


राजदूत वॉल्टर जे लिंडनर का कहना है कि दिल्ली में मेट्रो को लाइफ लाइन कहा जाता है। रोजाना लाखों यात्री इसमें सफर करते हैं। इसके बावजूद ट्रैफिक जाम और पर्यावरण दूषित होने की शिकायतें आती रहती हैं। लेकिन इससे निजात पाई जा सकती है, बशर्तें पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम मजबूत हो। कई बार लोग अपने वाहनों का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लास्ट माइल कनेक्टिीविटी का कोई साधन नहीं मिलता। यह ठीक है कि अब बहुत से मेट्रो स्टेशनों पर ई-रिक्शा की सुविधा हो गई है।

ई-रिक्शा की कई अपनी दिक्कतें हैं। कहीं बैटरी का मामला है तो कभी कोई दूसरी तकनीकी खराबी आ जाती है। लास्ट माइल कनेक्टिीविटी के लिए कोई ऐसा साधन होना चाहिए, जिसमें यात्री खुद को हर लिहाज से सुरक्षित एवं आरामदायक महसूस करे। इस पर जर्मनी की ओर से भारत को सहयोग दिया जाएगा। ट्रांसपोर्ट के नए साधनों पर चर्चा होगी।

भारत में करीब 1800 जर्मन कंपनियां


व्यापार को लेकर चीन और जर्मनी के बीच ज्यादा अच्छी समझ है, जर्मनी का झुकाव चीन की ओर अधिक रहता है, इस सवाल के जवाब में राजदूत वॉल्टर जे लिंडनर ने कहा कि यह बात सही है। हालांकि इसका यह मतलब भी नहीं है कि भारत के साथ जर्मनी के रिश्ते खराब हैं। निवेश में कुछ बाधाएं आती हैं। पिछले पांच-छह साल से अब उसमें काफी सुधार हुआ है। बहुत सी दिक्कतें दूर हो गई हैं। प्रमुख बाधाओं में पारदर्शिता की कमी, लाल फीताशाही और जटिल टैक्स सिस्टम जैसी कई अन्य समस्याएं रही हैं।

उम्मीद है कि ये सब दिक्कतें जल्द ही खत्म हो जाएंगी। इसके लिए दोनों देशों के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल जब मोदी और जर्मन चांसलर के साथ बैठक करेंगे, तो इन मुद्दों पर चर्चा होगी। भारत में करीब 1800 जर्मन कंपनियां हैं। मौजूदा समय में भारत और जर्मनी के बीच गहरे रिश्ते हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश ही नहीं, बल्कि यह एक बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर भी अग्रसर है।